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राजभाषा विभाग द्वारा केन्द्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान , नई दिल्ली के माध्यम से  एन.आई.टी.- दुर्गापुर में  पांच पूर्ण दिवसीय “कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने के लिए  बेसिक प्रशिक्षण कार्यक्रम “ का आयोजन  कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने के लिए पांच पूर्ण दिवसीय बेसिक प्रशिक्षण कार्यक्रम  का आयोजन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ,दुर्गापुर में अधोलिखित दो सत्रों में किया गया  –   प्रथम सत्र – 18 जून , 2018 से 2 2 जून , 2018 तक    द्वितीय सत्र – 25 जून , 2018 से 29 जून , 2018 प्रत्येक सत्र में केंद्र सरकार के कार्यालय, बैंक,उपक्रम आदि के 20 प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया |  कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक का दायित्व मुझ पर था | उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्याख्यान देने के लिए श्री राजेश प्रसाद बरनवाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख  सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, सीएसआईआर-सीएमईआरआई, दुर्गापुर, श्री डॉ. श्रीकृष्ण राय , असिस्टेंट प्रोफेसर (अँग्रेजी) एनआईटी,दुर्गापुर तथा श्री उदयवीर सिंह, उप प्रबन्धक (राजभाषा), बीसीसीएल, धनबाद  संकाय सदस्य के रूप में आमंत्रित किए गए 
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भाषा प्रौद्योगिकी (Language Technology) दुनिया भर में 7,000 से अधिक भाषाएँ हैं , और अगली सदी के दौरान उन में से आधे के हमेशा के लिए लुप्त हो जाने का खतरा है। भाषा प्रौद्योगिकियों के प्रतिनिधि स्थानीय भाषा प्रोग्राम के माध्यम से इन भाषाओं और संस्कृतियों को भविष्य की आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा सकता है। भा षा मनुष्य की सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। परस्पर विचार-विनिमय की साधन भाषा संप्रेषण के माध्यम से संबंधों का जाल बुनने की दिशा में सक्रियता से योगदान देती है। किसी समाज , जाति , वर्ग आदि से परिचित होने के लिए सर्वप्रथम उसकी भाषा से परिचित होना एक अनिवार्य शर्त है। संपूर्ण विश्व में विविध भाषाएँ एवं क्षेत्रीय बोलयाँ हैं। सभी भाषाओं का ज्ञान होना किसी एक व्यक्ति के लिए मुश्किल ही नहीं , असभंव भी है। बीसवीं सदी की सूचना-क्रांति एवं भूमण्डलीकरण के फलस्वरूप मात्र अपनी भाषा तक ही सीमित न रहकर वैश्विक परिदृश्य में विविध भाषाओं तथा अपनी भाषा की उपयोगिता के मूल्याकंन करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है और परिणाम अनुवाद , मशीनी अनुवाद तथा अन्य कई प्रक्रिया