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हिन्दी दिवस राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मगौरव का दिवस है

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कर लें हिंदी का संधान* कर लें हिंदी का संधान रहे विरोध ना कोई उत्तर दक्षिण का भान कर लें हिंदी का संधान......   हम सब भारतवासी हैं हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है यही है जो जन-जन में नित्य जगाती आशा है राष्ट्रपिता ने सदा किया इस भाषा का गुणगान कर लें हिंदी का संधान गाँधी , बोस , तिलक ने इस भाषा का अलख जगाया था स्वतंत्रता संग्राम के वीरों ने इस भाषा को अपनाया था आत्मसात कर लें इसको हम काम ये बड़ा महान कर लें हिंदी का संधान.....   यही है वो संपर्क की भाषा संस्कृत इसका मूल है देवनागरी लिपि में लिखी जाती यह भाषा सदा बढ़ाती राष्ट्र का मान है प्रांत , जाति और धर्म से ऊपर सदा ही राष्ट्रभाषा होती है भाषाई अंतर को कम कर वेणी नया पिरोती है कोमल भाषा मीठी बोली हिंदी कविता का परिधान कर लें हिंदी का संधान....... लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ ने इसका विकास किया बालीवूड ने भी बढ़चढ़कर   इस भाषा का व्यवहार किया चलचित्र ने माध्यम बनकर इसका देशदेशांतर में प्रसार किया मत भूलो ऐ! हिंद के वासी इसकी सुरीली मीठी तान कर लें हिंदी का संधान......   क्षेत्रीय भाष

राजभाषा विभाग द्वारा मई ,2012 में आयोजित हिन्दी प्रबोध ,प्रवीण एवं प्राज्ञ परीक्षाओं के परिणाम घोषित

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केंद्रीय सरकार के हिंदीतर भाषी कर्मचारियों/अधिकारियों के लिए हिन्दी शिक्षण योजना , राजभाषा विभाग (गृह मंत्रालय , भारत सरकार) द्वारा प्रबोध प्रवीण एवं प्राज्ञ परीक्षाओं का आयोजन क्रमशः 22 , 23 एवं 24   मई   201 2   को देश के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों में किया गया था। उक्त परीक्षाओं के परिणाम 29 जून 2012   को राजभाषा विभाग के वेब-साइट - http://www.rajbhasha.nic.in/hindiexam.htm पर प्रकाशित किए गए हैं , दुर्गापुर केंद्र से इन परीक्षाओं में शामिल हुए परीक्षार्थी अपना परीक्षा-फल इस ब्लॉग पर दिये गए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक कर सीधे भी देख सकते हैं- PRABODH प्रबोध के लिए लिंक- http://rajbhasha.nic.in/e1may12.pdf PRAVEEN प्रवीण के लिए लिंक- http://rajbhasha.nic.in/e2 may12.pdf PRAGYA प्राज्ञ के लिए लिंक- http://rajbhasha.nic.in/e3 may12.pdf सभी सफल परीक्षार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएँ । नए सत्र की हिन्दी प्रशिक्षण कक्षाएं 02 जुलाई 20 12 से प्रारम्भ हो चुकी हैं ।

कम्प्युटर पर हिन्दी में कार्य करने के लिए उपयोगी सॉफ्टवेयरों पर नराकास स्तरीय राजभाषा संगोष्ठी का आयोजन

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नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति(नराकास) ,दुर्गापुर के सौजन्य से राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (पूर्वी क्षेत्र),दुर्गापुर द्वारा दिनांक 28 मार्च 2012 को एकदिवसीय नराकास स्तरीय  राजभाषा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। एनपीटीआई के एसआईटी हाल में आयोजित इस कार्यक्रम का विषय था-"राजभाषा विभाग एवं अन्य संस्थानों द्वारा निर्मित हिन्दी सॉफ्टवेयर एवं प्रौद्योगिकी विकास"। सीएमईआरआई (सीएसआईआर) के पूर्व निदेशक डॉ॰ वी॰के॰ सिन्हा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे,अन्य विशिष्ट अतिथियों में दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के उपमहाप्रबंधक (प्रशासन /कार्मिक)श्री संदीप माथुर तथा एनपीटीआई के उपनिदेशक (तकनीकी) श्री एस॰के॰ श्रीवास्तव मौजूद थे। संकाय सदस्य के रूप में आलोच्य विषय पर प्रकाश डालने के लिए श्री साकेत सहाय ,राजभाषा अधिकारी ,ओबीसी तथा श्री विश्वजीत मजूमदार ,प्राध्यापक,राजभाषा विभाग उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में दुर्गापुर के विभिन्न कार्यालयों से आए हुये प्रतिनिधियों को हिन्दी यूनिकोड में कार्य हेतु आईएमई ,वर्चुअल फोनेटिक सहित  हिन्दी से जुड़े विविध सॉफ्ट वेयरों की जानकारी स्लाइड श

भारत में नागर विमानन के सौ वर्ष

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आदिम युग से मनुष्य लगातार अपने में परामानवीय शक्तियों के विकास की इच्छा लेकर नित नवीन प्रयोग करता रहा है। जल में चलने की अभिलाषा ने डोंगी से नाव और नाव से जलजहाज का विकास किया। खुले आकाश में उड़ते पंछियों को देखकर इंसान को भी उड़ने की हसरत ज़रूर हुई होगी तभी तो राइट बंधुओं ने उड़ने की कोशिश में अपनी जान को खतरे में डाला होगा। प्राचीन ग्रन्थों में भी हम इस बात का उल्लेख पाते हैं कि देवताओं और असुरों के पास उड़ने की नैसर्गिक शक्ति थी। तुलसीदासकृत “ श्री राम चरित मानस ” में भी इस बात का उल्लेख है कि लंका नरेश रावण सीता माता का अपहरण कर अपने पुष्पक विमान में बिठाकर आकाश मार्ग से लंका ले जाता है। भगवान श्रीराम लंका विजय कर जब सीताजी को लेकर इसी पुष्पक विमान से अयोध्या लौटे ते हैं तो -               आवत देखि लोग सब कृपासिंधु भगवान।                नगर   निकट प्रभु प्रेरेउ   भूमि    बिमान।।   ( 4 क/उत्तरकाण्ड) ( भावार्थ - कृपासागर भगवान् श्रीरामचन्द्रजी ने सब लोगों को आते देखा , तो उन्होने विमान को नगर के समीप उतरने को प्रेरित किया। तब वह विमान पृथ्वी पर उतरा।) इसीतरह-